बेशर्मी, नीचतापन, घटियापन, दरिंदगी और राक्षसीपन, ये सारे शब्दों को अगर मिला लिया जाए तो भी मणिपुर (Manipur Violence) में स्त्रियों के साथ हुई बर्बरता को बताने में कम पड़ेंगे.
शर्म, लिहाज़, और एक सभ्य समाज के सारे पैमाने को झकझोर कर देने वाले इस वाकये ने पुरे देश का mood ख़राब कर दिया है.
वो देश, जो सीमा हैदर की खबरें चटकारे लेकर सुन रहा था, वो देश जो बिग बॉस OTT के अपने favourite contestant की तारीफ़ में ट्विटर पे चालीसा लिख रहा था, वो देश अब इस धर्मसंकट में है की मणिपुर में हुई हिंसा के ऊपर कैसे कुछ बोला जाए? क्यूंकि इस देश को ये भी नहीं पता है की ये हिंसा क्यों हो रही है.
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खैर, मणिपुर (Manipur) की हिंसा के पीछे की कहानी को किसी और दिन समझेंगे, आज बात करते हैं चीर हरण की.
जब द्रौपदी का चीर हरण हुआ तो उसने कसम खायी की दुस्शाशन के खून से अपने बाल धुलेगी, और भीम ने कसम खायी की दुर्योधन की जांघ तोड़ देगा, लेकिन इस देश में न तो कोई द्रौपदी है, न ही कोई भीम जैसा बलशाली, नपुंसकों की फ़ौज चुन रखी है हमने जो बस इस मसले पर सदन में बहस कर रही हैं और दोषारोपण कर रही हैं.
जितनी शर्म उस हिंसा पे आ रही है, उतनी ही शर्म इन नेताओं पे भी आ रही है जो AC से निचे उतरते नहीं है लेकिन बातें ऐसी करेंगी जैसे भगत सिंह के खानदान से हों.
मणिपुर (Manipur Viral Video) में हो रही हिंसा, पे ममता बनर्जी बहुत चिल्ला रही थी, की तभी Amit Malviya ने उनके राज्य से चीर हरण का एक वीडियो वायरल कर दिया, सुना है ममता तब से सदमें में हैं.
राजस्थान में भी ऐसे ही हिंसा हो रहे हैं महिलाओं पर, और दूसरे के तवे पे रोटी सेंकने की तैयारी करने वाली ये गेहलोत सरकार अभी आटा सान ही रही थी की तभी एक बेचारे मंत्री ने मर्दानगी दिखाते हुए अपने ही सरकार को आड़े हाथों लिया और बोल दिया की भाई अपनी गिरेबां में भी झाँक लो, बस फिर क्या था तुरंत फरमान आने लगे और सरकार ने इतनी तेज़ी से काम किया जैसे 26/11 में किया था, और कुछ ही घंटों में उस मंत्री को पार्टी से निकाल दिया. शाबाश.
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राजस्थान सरकार में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी बेचारे सोच रहे होंगे, मैंने तो बस आइना दिखाया है, मुझे क्या पता था कांग्रेसी को अपनी शक्ल ही बुरी लगेगी.
खैर, मणिपुर (Manipur) हिंसा में गिरफ्तारी तो हुई है, लेकिन आज योगी जी की याद आ रही है, अगर वो मणिपुर में होते तो…..
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