आपने अक्सर गाड़ियों पे ये लिखा देखा होगा – पूर्व विधायक/पूर्व प्रधान/पूर्व सांसद/भाजपा/कांग्रेस/सपा/बसपा और न जाने क्या क्या.
भारत में एक नया चलन निकला है, सत्तारूढ़ पार्टी का झंडा लगालो, नकली साईरन लगालो और बस निकल पड़ो हाईवे पे हूटर बजाके. कुछ लोग तो डैशबोर्ड पे पुलिस की कैप भी रख देते हैं जिससे सड़क पे उनका रौला बना रहे.
वजह? सिर्फ टोल टैक्स न देना पड़े.
15-20 लाख की स्कार्पियो, 30-40 लाख की फॉर्चूनर खरीदने वाले, उसमें 2000-3000 का तेल भरवाने वाले 100-200 का टोल देने से बचने के लिए एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा देते हैं.
पकडे जाने पर सिपाही, विधायक से लेके सांसद तक को फ़ोन घुमा देते हैं लेकिन बेचारे 100-200 का टोल नहीं दे सकते.
खैर ये सब बात तो होती रहेगी, ताज़ा खबर है महाराष्ट्र से जहाँ राज ठाकरे के सुपुत्र और मनसे पार्टी के उत्तराधिकारी, अमित ठाकरे (Amit Thackeray) ने बवाल कर दिया है.
शिरडी दर्शन करने जा रहे अमित ठाकरे (Amit Thackeray) को जब रात में 9:15 बजे सिन्नर में गोंदे टोल बूथ वालों ने रोका, तो उन्हें ये तौहीन बर्दाश्त नहीं हुई और रात में 2:30 बजे अपने चमचों को बुला कर, टोल बूथ पर तोड़ फोड़ करदी और वहां के officials से माफ़ी भी मनगवायी.
दरअसल उनकी FASTag की जानकारी उनकी कार से मैच नहीं खा रही थी जिस वजह से ये matter हो गया.
गौर करने वाली बात ये है की मनसे न तो सत्ता में है और नहीं सत्ता में मौजूद पार्टी के साथ किसी भी प्रकार से सांठ-गाँठ में है तो फिर ये घमंड कहाँ से पैदा हो गया?
दरसल उस गर्मी का कारण है उनके पिता राज ठाकरे (Raj Thackeray) जो अपने बड़बोलेपन और उलजुलूल बयानबाज़ी को लेके famous हैं. अक्सर ही खुद को ख़बरों में रखने के लिए महाराष्ट्र के अपने ऑफिस से बयान देते रहते हैं और trend करते रहते हैं.
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Amit Thackeray – भावी मनसे नेता
अब वही जोश उनके सुपुत्र अमित ठाकरे (Amit Thackeray) में भी आ गया है जिनके अंदर मनसे अपना भावी नेता देख रही है. अब नेता हैं तो नेतागिरी करेंगे ही, तो इस टोल काण्ड को उनके नेतागिरी का resume समझ लीजिये.
आप इन नेताओं से कुछ सीख मत लीजिये, शान से टोल दीजिये और शान से हाईवे पे चलिए।
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