दिल्ली (Delhi) इस वक्त डूबी (Delhi Floods) हुई है, खासकर के यमुना से लगे इलाके जहाँ घरों तक पानी भर गया है.
इसका सबसे बड़ा कारण है दिल्ली (Delhi) में होने वाली 45 वर्षों की सबसे ज्यादा बारिश, जिसका कारण है की यमुना खतरे के निशान से एक मीटर ऊंचे पे बह रही है. दिल्ली की बाढ़ में Hathnipur Barrage से छोड़ा गया 1 लाख क्यूबिक लीटर पानी भी कारण बताया जा रहा है.
एक तरफ जहान बाढ़ के पानी ने त्राहिमाम मचाया हुआ है वहीँ दिल्ली (Delhi) की केजरीवाल (Kejriwal) सरकार की पोल भी खोल चुकी है. केजरीवाल (Kejriwal) सरकार जो अपने बड़े बड़े वादों के लिए जानी जाती है, इस त्रासदी के बाद उसे मुंह की खानी पड़ी है.
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Delhi Floods – Arvind Kejriwal’s Fake Promises Exposed
दिल्ली (Delhi) को लंदन (London), वेनिस (Venice) जैसा बनाने का बनाने जा झुनझुना-सरीखा वादा देने वाले केजरीवाल (Kejriwal) अपने ही दफ्तर सही से नहीं पंहुच पा रहे हैं क्यूंकि सचिवालय की तरफ जाने वाले रस्ते पर पानी भरा हुआ है.
कहाँ गए केजरीवाल (Kejriwal) के जलस्रोत और झीलें जिनके वादों के भरोसे पर दिल्ली की जनता ने उन्हें वोट दिया था?
आज तकनीक इतनी बढ़ गयी है की बारिश, तूफान का पहले से पूर्वानुमान लगाया जा सकता है, लेकिन केजरीवाल सरकार के लोग शायद इस बारे में अनजान हैं उन्हें तो बस उपराजयपाल और मोदी से कबड्डी खेलने में मज़ा आता हैं वहीँ केजरीवाल तो बस भगवंत मान को आदेश देने में लगे रहते हैं.
अगर समय रहते शहर के नाले, नहर साफ़ करवाए गए होते, यमुना बाजार के आस पास के लोगों को पहले से सचेत कर दिया गया होता और राहत शिविरों का पहले से इंतज़ाम किया गया होता तो शायद इस भयावहता को काम किया जा सकता था. (Delhi Floods)
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केजरीवाल सरकार अगर अपने पडोसी राज्यों से मित्रों जैसा व्यव्हार रखती तो इस बाढ़ सरीखी हालात को और काम किया जा.
अब केजरीवाल के सिपाही हरियाणा सरकार के साथ साथ अपने ही राज्य के अफसरों के ऊपर ऊँगली उठा रहे हैं.
ये केजरीवाल के शासन करने के तरीके पे सीढ़ी ऊँगली उठाता है.
प्रकृति तो समय समय पे अपने होने का प्रमाण देती रहती है और ये भी बताती है की कैसे उसके एक छोटे से एक्शन से इंसानी महल ताश के पत्तों की तरह ढह जायेंगे, लेकिन ये हम इंसानो को समझना पड़ेगा और प्रकृति की इस आपदा से लड़ने के लिए पहले से उचित जतन करने पड़ेंगे। (DelhiFloods).
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